BIGNEWS:- छह लेन वाला 12 किलोमीटर लंबा वाइल्डलाइफ कॉरीडोर एशिया का सबसे लंबा कॉरीडोर होगा
जिस दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए
- दिल्ली से देहरादून की दूरी अब सड़क से कम हो रही है। यह नवनिर्मित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से संभव होगा।
- अगर सब ठीक रहा, तो निकट भविष्य में आप केवल ढाई घंटे में सड़क मार्ग से
- दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि
- इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगेंगे।
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दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किमी है और इसकी अनुमानित पूंजी लागत 13000 करोड़ रुपये है। यह उत्तर–पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के माध्यम से देहरादून तक पहुंच जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का पहला खंड दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम मंदिर और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से शुरू होगा
(EPE) जंक्शन पर समाप्त होगा। इस 32 किलोमीटर में से 18 किमी एलिवेटेड रोड दिल्ली में
- वाइल्डलाइफ कॉरीडोर शास्त्री पार्क, खजूरी खास और मंडोला से होकर गुजरेगी। राजमार्ग को छह लेन की गाड़ी–मार्ग और
- छह लेन की सर्विस रोड के साथ अभिगम नियंत्रण बनाया जाएगा। यह न केवल उत्तर–पूर्वी
- दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए
- ट्रॉनिका सिटी और मंडोला विहार विकास के लिए एक जीवन रेखा भी साबित होगा।
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दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किमी है और इसकी अनुमानित पूंजी लागत 13000 करोड़ रुपये है। यह उत्तर–पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के माध्यम से देहरादून तक पहुंच जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का पहला खंड दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम मंदिर और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से शुरू होगा
(EPE) जंक्शन पर समाप्त होगा। इस 32 किलोमीटर में से 18 किमी एलिवेटेड रोड दिल्ली में
- वाइल्डलाइफ कॉरीडोर शास्त्री पार्क, खजूरी खास और मंडोला से होकर गुजरेगी।
- राजमार्ग को छह लेन की गाड़ी–मार्ग और छह लेन की सर्विस रोड के
- साथ अभिगम नियंत्रण बनाया जाएगा। यह न केवल उत्तर–पूर्वी दिल्ली
- को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के
- लिए ट्रॉनिका सिटी और मंडोला विहार विकास के लिए एक जीवन रेखा भी साबित होगा।
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वाइल्डलाइफ कॉरीडोर जिस दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए देश में विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है, दिल्ली से देहरादून की दूरी अब सड़क से कम हो रही है। यह नवनिर्मित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से संभव होगा। अगर सब ठीक रहा, तो निकट भविष्य में आप केवल ढाई घंटे में सड़क मार्ग से दिल्ली से देहरादून पहुंच सकेंगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नए पंख लगेंगे।
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दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किमी है और इसकी अनुमानित पूंजी लागत 13000 करोड़ रुपये है।
- यह उत्तर–पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के माध्यम से
- देहरादून तक पहुंच जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का पहला खंड दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम
- मंदिर और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से शुरू होगा
- (EPE) जंक्शन पर समाप्त होगा। इस 32 किलोमीटर में से 18 किमी एलिवेटेड रोड दिल्ली में
- शास्त्री पार्क, खजूरी खास और मंडोला से होकर गुजरेगी।
- राजमार्ग को छह लेन की गाड़ी–मार्ग और छह लेन की सर्विस रोड के साथ अभिगम नियंत्रण बनाया जाएगा।
- यह न केवल उत्तर–पूर्वी दिल्ली को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा
- बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए ट्रॉनिका सिटी और मंडोला विहार विकास के लिए एक जीवन रेखा भी साबित होगा।
दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किमी है और इसकी अनुमानित पूंजी लागत 13000 करोड़ रुपये है। यह उत्तर–पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के माध्यम से देहरादून तक पहुंच जाएगी। इस एक्सप्रेसवे का पहला खंड दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर अक्षरधाम मंदिर और पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास से शुरू होगा
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(EPE) जंक्शन पर समाप्त होगा। इस 32 किलोमीटर में से 18 किमी एलिवेटेड रोड दिल्ली में
- शास्त्री पार्क, खजूरी खास और मंडोला से होकर गुजरेगी। राजमार्ग को छह लेन की गाड़ी–मार्ग और
- छह लेन की सर्विस रोड के साथ अभिगम नियंत्रण बनाया जाएगा। यह न केवल उत्तर–पूर्वी दिल्ली
- को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगा बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए ट्रॉनिका सिटी
- और मंडोला विहार विकास के लिए एक जीवन रेखा भी साबित होगा।
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जिस दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक नए भारत के निर्माण के लिए देश में विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है, दिल्ली से देहरादून की दूरी अब सड़क से कम हो रही है।