पीले दांतों को रातभर में सफेद बना देगा घर में लगा ये पौधा, Ayurveda डॉ. के 5 उपाय छुड़ा देंगे पीला मैल
पीले दांत न सिर्फ आपकी खूबसूरती पर दाग लगा सकते हैं
Ayurveda बल्कि आपको दांतों और मसूड़ों से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा हो सकता है? गलत खान-पान और मुंह की साफ-सफाई न रखने के कारण दांतों पर पीली गंदगी जमा हो जाती है? जिसे टार्टर कहते हैं दरअसल यह पीली परत सफेद दांतों को पीला बनाने का काम करती है? यदि टार्टर को न हटाया जाए तो यह दांतों और मसूड़ों की जड़ों में घुसता रहता है, जिससे दांत और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं। बाद में यह समस्या पायरिया, कैविटी, दांतों से खून आना, मसूड़ों में दर्द, संवेदनशीलता और सांसों की दुर्गंध आदि का कारण बनती है?
दांतों को सफेद करने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?
अगर आप डेंटिस्ट का खर्च बचाना चाहते हैं? तो नोएडा के ई-260 सेक्टर 27 स्थित ‘कपिल त्यागी आयुर्वेद क्लिनिक’ के निदेशक डॉ. कपिल त्यागी आपकी मदद कर सकते हैं। डॉक्टर आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक बताते हैं?
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बबूल को दांतों को सफेद करने के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी माना जाता है।
यही कारण है कि आयुर्वेद बबूल की टहनियों को डिस्पोजेबल टूथब्रश के रूप में उपयोग करने के महत्व पर जोर देता है? बबूल में पाया जाने वाला टैनिन दांतों को सफेद बनाता है?
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तुलसी की पत्तियों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उससे दांत साफ करें।
Tulsi की हरी पत्तियां दांतों को मजबूत बनाती हैं और उनकी सफेदी बढ़ाती हैं? तुलसी पायरिया मसूड़ों से खून आना जैसी दंत समस्याओं में भी उपयोगी है? दांत दर्द से राहत पाने के लिए विभिन्न दवाओं में काली मिर्च भी मिलाई जाती है? वहीं, तुलसी की पत्तियां न सिर्फ आपको बुखार या अन्य बीमारियों से दूर रखने में मददगार हैं? बल्कि दांत दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार हैं।
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नीम की टहनियों का उपयोग आज भी कई भारतीय टूथब्रश के रूप में करते हैं।
Ayurveda नीम के तेल में सांसों की दुर्गंध को रोकने, दांतों पर मौजूद सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने और दांतों की सड़न और कैविटी से लड़ने के लिए कसैले और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं? इसके लिए आप नीम की दातुन कर सकते हैं नीम आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत सारे गुणों से भरपूर है? और नीम को चबाना बहुत स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है आज इस लेख के माध्यम से हम आपको इसके फायदे और उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे?
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त्रिफला आप मौखिक स्वच्छता बनाए रखने,
दांतों को सफेद करने और मुंह के छालों को कम करने के लिए त्रिफला का उपयोग कर सकते हैं? इसके लिए आप त्रिफला को पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए? Ayurveda इसे ठंडा होने दें गुनगुना होने पर इससे कुल्ला करें? त्रिफला या त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में कायाकल्प करने वाली जड़ी-बूटियों के मिश्रण के रूप में जाना जाता है? लेकिन इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है? दरअसल आयुर्वेद में माना जाता है कि त्रिफला चूर्ण आपके शरीर की उसी तरह देखभाल करता है? जैसे आपकी अपनी मां आपकी देखभाल करती है?
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अगर आपके बच्चे दांतों की समस्या से पीड़ित हैं तो आप उनके लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Ayurveda त्रिफला को रात भर पानी में भिगो दें? सुबह चेहरा धोने के बाद कुछ देर तक इस पानी को मुंह में भरकर रखें? थोड़ी देर बाद इसे बाहर निकाल लें इससे दांत और मसूड़े बुढ़ापे तक मजबूत रहते हैं? इससे मुंह की दुर्गंध और छाले भी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं? आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से सांसों की दुर्गंध से बचा जा सकता है?या फिर आप गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर उससे गरारे भी कर सकते हैं?
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